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हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल ने “शाश्वत यौगिक खेती“ सम्मेलन का किया उद्घाटन

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कुरुक्षेत्र ,विश्व शान्ति धाम में रविवार को “शाश्वत यौगिक खेती “का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानो को सशक्त बनाना है…इस कार्यक्रम में 600 से ज्यादा किसानो ने शाश्वत यौगिक खेती और जैविक खेती के बारे में जाना हमें रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप –प्रज्ज्वलन से किया. जिसमे माउंट से पधारे राजयोगी भ्राता राजेंदर प्रसाद  जी,   मुख्य अतिथि ‘माननीय आचार्य देवव्रत जी   (महामहिम राज्यपाल ,हिमाचल प्रदेश) ,राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राज बहन जी (सब जोन इन्चार्ज,अमृतसर),डा.वजीर सिंह (कृषि  विशेषज्ञ,कुरुक्षेत्र),डा. हरिओम (संयोजक –कृषि विशेषज्ञ),राजयोगिनी सरोज दीदीजी, बी.के.सुदर्शन उपस्थित थे.

मुख्य अतिथि ‘माननीय आचार्य देवव्रत जी (महामहिम राज्यपाल ,हिमाचल प्रदेश) – ने अपने वक्तव्य कहा कि जीरो बजट प्राकृतिक कृषि के प्रति जागरूक होने से ही किसानो को आर्थिक लाभ मिलेगा इससे पर्यावरण और जल प्रदूषण कम होने के साथ-साथ भूमि की   पीढ़ी को उर्वरा जमीन देने तथा स्वस्थ समाज कीरचना के लिए हमे शून्य लागत प्राकृतिक कृषि को अपनाना चाहिए देसी नसल की गाय का पालन कर एक एक गाय  से 30 एकड़  जमीन में कृषि की जा सकती है.

रविवार को ब्रह्माकुमारी  कुरुक्षेत्र “विश्व शान्ति धाम “ प्राकृतिक एव शाश्वत यौगिक खेती  विषयक सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे जीरो बजट का  वर्णन लरते हुए बताया की जीरो बजट में बहर से कुछ भी नही खरीदना होता उन्होंने शाश्वत यौगिक खेती के क्षेत्र में ब्र्हमाकुमारी के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों कि भी मुक्तकंठ से सराहना की.

राजयोगी भ्राता राजेंदर प्रसाद (राजू भाई)  ( माउंट आबू राजस्थान)-  से पधारे  मुख्य वक्ता के रूप में अपने वक्तव्य में “शाश्वत यौगिक खेती “ के बारे में बताया की. वर्तमान में  अनेक रसायनों व कीटनाशको के प्रयोग से धरती माँ कि शक्ति समाप्त होती जा रही है उससे उत्पन्न होने वाले फल –सब्जियों व अन्न स्वास्थ्य के लिय हानिकारक  है ऐसे समय में  ब्रह्माकुमारी के ग्राम विकास प्रभाग (विंग ) के माध्यम वर्ष 2007 में न्य प्रोजेक्ट बनाया गया जिसका नाम शाश्वत यौगिक खेती “कुछ दिन पूर्व भारत के कृषि मंत्री दिल्ली विज्ञानं भवन में किसानो व वैज्ञानिको कि पुरे देश में शाश्वत यौगिक खेती के लिए अभियान चलाने को कहा जिससे किशन सशक्त बनेगा और साथ के साथ बताया कि हमे राजयोग का अभ्यास करना चाहिएं जिससे हमारे विचार शुद्ध होते है.

राजयोगिनी राज बहन जी(अमृतसर)-सभी अतिथियों व सभी के प्रति शुभ कामनाए दी खा कि अन्न का हमारे मन पर बहुत गहरा असर पड़ता है अदि हम सात्विक  अन्न का ग्रहण करेगे ,तो हममे सतोगुण कि वृद्धि होगी हमारे पूर्वज प्रकृति कि पूजा किया करते उस समय प्रकृति सतो प्रधान होती थी पुरुष ,प्रकृति और परमात्मा के खेल में पुरुष परमात्मा से शक्ति ले कर प्रकृति को सतोप्रधान बना सकता है.

डा.वजीर सिंह (कृषि  विशेषज्ञ,कुरुक्षेत्र),-ने कहा कि हम जो खा रहे ,वह जहरयुक्त है हमें जौविक खेती  को अपनाना होगा और साथ के राजयोग के अभ्यास से अपने मन को शुद्ध बनाना होगा.

डा. हरिओम (संयोजक –कृषि विशेषज्ञ), की गुरुकुल कुरुक्षेत्र में जो पद्दति अपनाई जा रही है अध्तायात्मिकता को अपनाना  जरूरी है बिना अध्यात्म के हमारे विचार शुद्ध नहीं हो सकते है.

ब्रह्माकुमारी विश्व शान्ति धाम कुरुक्षेत्र कि प्रभारी  राजयोगिनी सरोज दीदी जी ने संस्था की गतिविधियों का विवरण किया. बी.के .हरबंस सिंह ने अजोला ने सभी मेहमानों व किसानो का धन्यवाद  किया.

बी.के .सुदर्शन ने मंच संचालन किया. कुरुक्षेत्र ,विश्व शान्ति धाम में रविवार को “शाश्वत यौगिक खेती “का कार्यक्रम आयोजित किया गया  कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप –प्रज्ज्वलन से किया जिसमे माउंट से पधारे राजयोगी भ्राता राजेंदर प्रसाद  जी, मुख्य अतिथि ‘माननीय आचार्य देवव्रत जी   (महामहिम राज्यपाल हिमाचल प्रदेश) राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राज बहन जी (सब जोनइन्चार्ज,अमृतसर),डा.वजीर सिंह (कृषि  विशेषज्ञ,कुरुक्षेत्र),डा. हरिओम(संयोजक –कृषि विशेषज्ञ),राजयोगिनी सरोज दीदीजी,बी.के.सुदर्शन उपस्थित थे.

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LIVE 21st March Shant Maan Khushnuma Jivan by BK Shivani (Amreli)

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मीडियाकर्मियों के तनाव प्रबंधन हेतु राजयोग मेडिटेशन सेमिनार

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*मीडियाकर्मियों के तनाव प्रबंधन हेतु राजयोग मेडिटेशन सेमिनार का आयोजन*
*पत्रकारों के लिए तनाव से बचना बेहद जरूरी: प्रो. संजय द्विवेदी*
कुरुक्षेत्र, 9 मई। भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के राजयोग सेंटर में *पत्रकारों के तनाव प्रबंधन हेतु आयोजित राजयोग मेडिटेशन सेमिनार* को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया को मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों के साथ चलना होगा, तभी समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न पूरा होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य लोक मंगल होना चाहिए। समाज को तनाव मुक्त करने के लिए पत्रकारों को विपरीत परिस्थितियों में काम करते हुए भी तनाव से बचना चाहिए।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज की कुरुक्षेत्र क्षेत्रीय प्रभारी *बीके सरोज*, संस्था के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी *बीके सुशांत*, भारतीय पत्रकार सुरक्षा संघ ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष *इंजी. देवेश मिश्रा*, राष्ट्रीय अध्यक्ष *राकेश कुमार विश्वकर्मा*, राष्ट्रीय सलाहकार *डॉ. विभुरंजन* एवं प्रयागराज के जिला अध्यक्ष *विपिन त्रिपाठी* भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आईआईएमसी दिल्ली के महानिदेशकप्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए मीडियाकर्मियों को सक्रिय पहल करनी होगी। यह तभी संभव है, जब पत्रकार अपने तन और मन को तनाव मुक्त करने के लिए अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करें। आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार अपनी जान जोखिम में डाल कर 24 घंटे और बिना किसी अवकाश के काम करने वाले पत्रकारों को अहंकार से बचना चाहिए। अहंकार से हमारे तन और मन दोनों का नुकसान होता है। यहां तक कि यदि हम काम से घर लौटते वक्त भी तनाव में रहेंगे, तो इसका असर हमारी पारिवारिक जिंदगी पर भी पड़ेगा।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित इस सेमिनार का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा, जब सभी पत्रकार एकजुट होकर सकारात्मक दिशा में कार्य करेंगे। देश की आजादी की शताब्दी आने में जो 25 वर्ष शेष हैं, उनमें हमें अपनी कार्यक्षमता दिखानी होगी, क्योंकि आने वाली पीढ़ी इसके लिए हम से जवाब मांगेगी।
ब्रह्माकुमारीज के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे *बीके सुशांत* ने कहा कि पश्चिमी संस्कृति को अपनाते हुए हम गुलाम मानसिकता का शिकार हो रहे हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने से पहले देश के हर नागरिक को आत्मनिर्भर होना होगा। पत्रकारिता में आध्यात्मिकता का प्रवेश करके ही पत्रकार समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों को समस्याओं की तह तक जाते हुए उसका कारण और निवारण प्रस्तुत करना होगा। आध्यात्मिकता के द्वारा आत्मबल बढ़ाना होगा। आत्मशक्ति को जागृत करते हुए पत्रकार अपने खोए हुए सुख और शांति को प्राप्त कर सकते हैं। दया और करुणा को जागृत कर मीडियाकर्मी आध्यात्मिकता के द्वारा अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं।
ब्रह्माकुमारीज की कुरुक्षेत्र क्षेत्रीय प्रभारी बीके सरोज ने आए हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पत्रकारों को तनाव मुक्त रहने के लिए आत्मिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाने की आवश्यकता है। मन और बुद्धि के संगम से ही पत्रकार तनाव मुक्त रह कर समाज के लिए हितकारी साबित हो सकते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने केंद्र की ओर से आए हुए सभी अतिथियों एवं पत्रकारों को स्मृति चिह्न प्रदान किए। सेमिनार में बड़ी संख्या में पत्रकारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन *बीके मधु* और *जसबीर सिंह दुग्गल* ने किया।
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आजादी के अमृत महोत्सव को घर-घर का उत्सव बनाने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान का शुभारंभ

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विश्व शांति धाम कुरुक्षेत्र की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव को घर-घर का उत्सव बनाने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान का शुभारंभ किया गया |यह बाइक रैली अभियान कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र से गीता पाठशाला समानी गांव तक चलाया गया |अभियान ने 20 किलोमीटर की दूरी तय की जिसमें 100 भाई बहनों ने इस अभियान में भाग लिया| विश्व शांति धाम की मुख्य संचालिका राजयोगिनी सरोज दीदी ने झंडी दिखाकर अभियान को रवाना किया और यह अभियान का उद्देश्य जन-जन को जागृत करना है और इस रैली का स्वागत सुशील चित्रा ( समाजसेवी) ने राजयोगिनी सरोज दीदी को पौधा देखकर तथा सभी भाई बहनों को माला पहनाकर स्वागत किया|

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